Tuesday, January 4, 2011

Darpan ko dekha tune jab

मुकेश...फिरोज खान...फिल्म उपहार...
एक बदनसीब हूँ मैं...मुझे नहीं देखा एक बार...
दर्पण को देखा तुने जब जब किया सिंगार...
फुलोंको देखा तुने जब जब आई बहार...
एक बदनसीब हूँ मैं...मुझे नहीं देखा एक बार...
दर्पण को देखा तुने जब जब किया सिंगार...

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