मुकेश...दिलीप कुमार...फिल्म यहूदी...
दिल से तुझको बेदिली हैं...
मुझको हैं दिल का गरूर...
तू ये माने या ना माने...
लोग मानेंगे...जरुर...
ये मरे दीवाना पण हैं...या महोब्बत का सुरूर...तू ना पहचाने तो हैं तेरी नजरोंका कसूर...
ये मेरा दीवानापन हैं...
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